upsc optional subject Economics syllabus in Hindi. वैकल्पिक विषय - अर्थशास्त्र।
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Economics optional syllabus. pdf.
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अर्थशास्त्र (Economics)
प्रश्नपत्र - 1
1. उन्नत व्यष्टि (Micro)अर्थशास्त्र :
(क) कीमत निर्धारण के मार्शलियन एवं वालरासियम उपागम ।
(ख) वैकल्पिक वितरण सिद्धांत रिकाडों, काल्डोर, कलीकी ।
(ग) बाज़ार संरचना एकाधिकारी प्रतियोगिता द्विअधिकार, अल्पाधिकार।
(घ) आधुनिक कल्याण मानदंड: परेटो हिक्स एवं सितोवस्की, ऐरो का असंभावना प्रमेय,ए.के. सेन का सामाजिक कल्याण फलन ।
2. उन्नत समष्टि (Macro) अर्थशास्त्र:
नियोजन आय एवं ब्याज दर निर्धारण के उपागम क्लासिकी, कोन्स (IS-LM) वक्र, नवक्लासिकी
संश्लेषण एवं नया क्लासिकी, ब्याज दर निर्धारण एवं ब्याज दर संरचना के सिद्धांत।
3. मुद्रा बैंकिंग एवं वित्त:
(क) मुद्रा की मांग और पूर्ति मुद्रा का मुद्रा गुणक मात्रा सिद्धांत (फिशर, पीक एवं फ्राइडमैन) तथा कौन का मुद्रा के लिये मांग का सिद्धांत, बंद और खुली अर्थव्यवस्था में मुद्रा प्रबंधन के लक्ष्य एवं साधन केंद्रीय बैंक और खजाने के बीच संबंध, मुद्रा की वृद्धि दर पर उच्चतम सीमा का प्रस्ताव।
(ख) लोक वित्त और बाजार अर्थव्यवस्था में इसकी भूमिका पूर्ति के स्थिरीकरण में, संसाधनों का विनिधान और वितरण व विकास सरकारी राजस्व के स्रोत, करों एवं उपदानों (subsidies) के रूप, उनका भार एवं प्रभावा कराधान की सीमाएँ ऋण काउडिंग आउट प्रभाव एवं ऋण लेने की सीमाएँ। लोक व्यय एवं इसके प्रभाव।
4. अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र :
(क) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के पुराने और नए सिद्धांत
(i) तुलनात्मक लाभ ।
(ii) व्यापार शर्तें एवं प्रस्ताव वक्र (Offer Curve)!
(iii) उत्पाद चक्र एवं निर्णायक व्यापार सिद्धांत। (iv) व्यापार, संवृद्धि के चालक के रूप में और खुली अर्थव्यवस्था में अवविकास के सिद्धांता
(ख) संरक्षण के स्वरूप : टैरिफ एवं कोटा
(ग) भुगतान शेष समायोजन : वैकल्पिक उपागम
(1) कीमत बनाम आय, नियत विनिमय दर के अधीन आय के समायोजना
(2) मिश्रित नीति के सिद्धांत।
(3) पूंजी चलिष्णुता के अधीन विनिमय दर समायोजन
(4) विकासशील देशों के लिये तिरती दरें और उनकी विवक्षा (Implications) : मुद्रा (करेंसी) बोर्ड।
(5) व्यापार नीति एवं विकासशील देश ।
(6)BOR, खुली अर्थव्यवस्था समष्टि मॉडल में समायोजन तथा नीति समन्वय।
(7) सट्टा (Speculative Attacks)।
(8) व्यापार गुट एवं मौदिक संघ।
(9) विश्व व्यापार संगठन (WTO): TRIMS, TRIPS, घरेलू उपाय, WTO के विभिन्न चक्र ।
5.संवृद्धि एवं विकास :
(क)( 1) संवृद्धि के सिद्धांत हैरॉड का मॉडल।
(2) अधिशेष श्रम (Surplus Labour) के साथ विकास का ल्यूइस मॉडल
(3) संतुलित एवं असंतुलित संवृद्धि।
(4) मानव पूंजी एवं आर्थिक संवृद्धि।
(5) अनुसंधान एवं विकास और आर्थिक संवृद्धि।
(ख) कम विकसित देशों के आर्थिक विकास का प्रक्रम: आर्थिक विकास एवं संरचन परिवर्तन के विषय में मिर्डल एवं कुजमंट्स कम विकसित देशों के आर्थिक विकास में कृषि को भूमिका ।
(ग) आर्थिक विकास तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं निवेश, बहुराष्ट्रीय कंपनियों (Mulrmationais) की भूमिका। (घ) आयोजन एक आर्थिक विकास बाजार की बदलती भूमिका एवं आयोजना,सार्वजनिक-निजी साझेदारी।
(ड.) कल्याण संकेतक एवं वृद्धि के माप मानव विकास के सूचक आधारभूत आवश्यकताओं का उपागम।
(च) विकास एवं पर्यावरणीय धारणीयता नवीकरणीय एवं गैर नवीकरणीय संसाधन पर्यावरणीय अपकर्ष, अंतरपीढ़ी इक्विटी विकास।
प्रश्नपत्र - II
1. स्वतंत्रता पूर्व युग में भारतीय अर्थव्यवस्था : भूमि प्रणाली एवं इसके परिवर्तन, कृषि का वाणिज्यीकरण, अपवहन सिद्धांत, अबंधता सिद्धांत (Laissez-faire Theory) एवं समालोचन निर्माण एवं परिवहन जूट, कपास, रेलवे, मुद्रा एवं साख।
2.स्वतंत्रता के पश्चात् भारतीय अर्थव्यवस्था :
(क) उदारीकरण के पूर्व का युग :
(i) वकील, गाडगिल एवं वी.के.आर.वी. राव के योगदान।
(ii) कृषि भूमि सुधार एवं भूमि पट्टा प्रणाली, हरित क्रांति एवं कृषि में पूँजी निर्माण ।
(iii) संघटन एवं संवृद्धि में व्यापार प्रवृत्तियाँ सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रकों की भूमिका, लघु एवं कुटीर उद्योग ।
(iv) राष्ट्रीय एवं प्रतिव्यक्ति आय : स्वरूप, प्रवृत्तियाँ सकल एवं क्षेत्रकीय संघटन तथा उनमें परिवर्तन।
(v) राष्ट्रीय आय एवं वितरण को निर्धारित करने वाले स्थूल कारक गरीबी के माप, गरीबी एवं असमानता की प्रवृत्तियाँ।
(ख) उदारीकरण के पश्चात् का युग
(i) नया आर्थिक सुधार एवं कृषि कृषि एवं WTO, खाद्य प्रसंस्करण, उपदान.कृषि कीमतें एवं जन वितरण प्रणाली, कृषि संवृद्धि पर लोक व्यय का समाघात ।
(ii) नई आर्थिक नीति एवं उद्योग औद्योगीकरण, निजीकरण, विनिवेश की कार्य नीति, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भूमिका ।
(iii) नई आर्थिक नीति एवं व्यापार : बौद्धिक संपदा अधिकार TRIPS, TRIMS,GATS तथा नई EXIM नीति की विवक्षाएँ।
(iv) नई विनिमय दर व्यवस्था आंशिक एवं पूर्ण परिवर्तनीयता, पूंजी खाता परिवर्तनीयता ।
(v) नई आर्थिक नीति एवं लोक वित्तः राजकोषीय उत्तरदायित्व अधिनियम, बारहवाँ वित्त आयोग एवं राजकोषीय संघवाद तथा राजकोषीय समेकन ।
(vi) नई आर्थिक नीति एवं मौद्रिक प्रणाली। नई व्यवस्था में RBI की भूमिका ।
(vii) आयोजना : केंद्रीय आयोजना से सांकेतिक आयोजना तक संवृद्धि और विकेंद्रीकृतआयोजना हेतु बाजार एवं आयोजना के बीच संबंध : 73वाँ एवं 74वाँ संविधान संशोधन।
(viii) नई आर्थिक नीति एवं रोजगार रोजगार एवं गरीबी, ग्रामीण मजदूरी रोजगार सृजन, गरीबी उन्मूलन योजनाएँ, नई ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ।
🖊️🖊️🖊️🖊️🖊️ आपका गाइड श्रीराम 😘
😘😘😘😘😘 धन्यवाद 🙏🙏
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