घर बैठे IAS की तैयारी कैसे करें? Ghar baithe IAS ki taiyari kaise kare? ग्रामीण उम्मीदवार IAS की तैयारी कैसे करें? बिना कोचिंग जाए आईएएस कैसे बने?

घर बैठे IAS की तैयारी कैसे करें?  Ghar baithe IAS ki taiyari kaise kare? ग्रामीण उम्मीदवार IAS की तैयारी कैसे करें? बिना कोचिंग जाए आईएएस कैसे बने?
सिविल सेवा परीक्षा में हर साल देश के लाखों युवा शामिल होते हैं। बहुत से उम्मीदवार तैयारी करने के लिए बड़े शहरों में जाते हैं, जहां से कोचिंग संस्थान तथा अन्य बेहतर सुविधा उपलब्ध है; परंतु ग्रामीण क्षेत्र के बहुत से ऐसे उम्मीदवार हैं, जो बड़े शहरों में तैयारी हेतु जाने में असमर्थ है।
निराशा से बचें
          ग्रामीण उम्मीदवारों को इस बात से बिल्कुल भी निराश नहीं होना चाहिए कि तैयारी के लिए उनके पास उचित संसाधन नहीं है। उन्हें अपने आत्मविश्वास को बनाए रखते हुए तैयारी करनी चाहिए। यह सही है कि बड़े शहरों में सिविल सेवा में चयन का अनुपात ज्यादा है; लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्र से चयन नहीं होता। गंभीर उम्मीदवारों का ग्रामीण क्षेत्र से पहले भी सिविल सेवा में चयन होता रहा है और वर्तमान में भी हो रहा है। जरूरत बस गंभीर अध्ययन, उचित रणनीति और उसे पर अमल करने की है।

आयु महत्वपूर्ण 
बहुत से विद्यार्थी , खासकर ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थी, एक अन्य महत्वपूर्ण तथ्य को नहीं समझ पाते। परीक्षा की तैयारी की जद्दोजहद से जूझने के दौरान नहीं तो केवल यही लगता है रहता है कि किसी पूरी तरह से चयन हो जाए। चयन होना ही उनका एकमात्र उद्देश्य होता है, जो सही भी हैं। इस चक्कर में भी सर्विस करियर की इस सच्चाई को भूल जाते हैं कि वह जितनी कम उम्र में चयनित हो जाएंगे, आगे का करियर उतना ही बेहतर होगा। वे उतने ही बड़े पद से रिटायर होंगे। आगे चलकर यह बात बहुत है अधिक मायने रखती हैं।
       आप इसे इस तरह सोच कर देखिए की किसी एक ही वर्ष में एक ही सर्विस में दो लड़कों का चयन होता है, जिसमें से एक ही उम्र 23 साल है और दूसरे की 29 साल है। वे दोनों एक ही बेच के हैं। लेकिन दोनों की उम्र में 6 साल का अंतर है। 23 साल वाले लड़के के पास सर्विस के 37 साल हैं, जबकि 29 साल में लड़के के पास केवल 31 साल है । जाहिर है कि अधिक उम्र वाला लड़का अपने करियर के सर्वोत्तम को हासिल नहीं कर पाएगा; जबकि जीवन की उसे दौर में सर्वोत्तम ही सबसे ज्यादा मायने रखता है।
         एक बात और भी होगी। मान लीजिए कि 23 साल की लड़की की रैंकिंग 29 साल के लड़के से ऊपर हैं। ऐसे में हालांकि है तो यह दोनों एक ही बेच के, लेकिन सीनियर और जूनियर की दृष्टि से 23 साल का लड़का सीनियर कहलाएगा। जब भी ऊपर की कोई पोस्ट खाली होगी, वह सबसे पहले इस सीनियर लड़के को मिलेगी। अभी तो इन बातों का इतना एहसास नहीं होता, लेकिन जब आप सर्विस में आ जाएंगे, तब इस तरह की कटु ऐसासों से अपने को बचा पाना आपके लिए आसान नहीं होगा। इसलिए क्या यह बेहतर नहीं होगा कि आप अपनी योजना बनाते समय अधिकतम 30 या 35 साल की उम्र को भूल ही जाएं और देखें कि कैसे अपने लक्ष्य को जल्दी से जल्दी हासिल किया जाए।

ग्रामीण के लिए उपलब्ध संसाधन
        देश में सूचना क्रांति होने के बाद आज ग्रामीण और दूर  दराज के क्षेत्र में भी इंटरनेट की सुलभता हो गई है। ग्रामीण क्षेत्र के उम्मीदवारों को इंटरनेट का बेहतर प्रयोग करना चाहिए। इस तकनीक द्वारा उम्मीदवार समसामयिकी  की देश-विदेश की घटनाओं की नवीनतम जानकारी से लाभान्वित हो सकता है। साथ ही आजकल वेबसाइट पर ias के लिए बहुत कम फीस में ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा उपलब्ध है।
             मोबाइल का प्रयोग आज बहुत से उम्मीदवार करते हैं। मोबाइल पर इंटरनेट की सुविधा भी बहुत कम मूल्यों में उपलब्ध हैं। इस तकनीक का प्रयोग भी उम्मीदवार समाचार पढ़ने, आवश्यक सूचना की जानकारी आदि के लिए कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के उम्मीदवार अपने आसपास के क्षेत्र में स्थित कॉलेज के पुस्तकालय का प्रयोग कर सकते हैं। आमतौर पुस्तकालयों में पढ़ने का अच्छा माहौल होता है। जहां उम्मीदवार सिविल सेवा परीक्षा की प्रति को देखते हुए गंभीर अध्ययन कर सकते हैं। उम्मीदवारों को अपनी जानकारी और विश्लेषणात्मक क्षमता को बढ़ाने के लिए समाचार बुलेटिन व यूट्यूब पर वीडियो देख सकते हैं। यह बहुत ही सस्ते और आसानी से उपलब्ध होने वाले संसाधन है।
   सिविल सेवा परीक्षा में समसामयिकी आधारित प्रश्नों की संख्या को देखते हुए रोज अखबार का अध्ययन करना चाहिए। अगर अखबार आसानी से उपलब्ध नहीं है तो अखबार को ऑनलाइन संस्करण को पढ़ा जा सकता है।

उचित दृष्टिकोण
        ग्रामीण क्षेत्र के उम्मीदवारों को सबसे पहले सिविल सेवा परीक्षा केे पाठ्यक्रम का अवलोकन करना चाहिए । उसके बाद विश्वसनीय अध्ययन सामग्री से अध्ययन करना चाहिए। उम्मीदवार यदि ऑनलाइन कोचिंग करनेे में असमर्थ है तो  उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे उम्मीदवारों को पत्राचार पाठ्यक्रम का लाभ उठानााा चाााहिए  । इसके द्वारा पूूरे भारत में हजारोंोंोंं
उम्मीदवार लाभान्वित हुए हैं।
        तैयारी के दौरान ग्रामीण उम्मीदवारों को मार्गदर्शन संबंधी समस्या सबसे ज्यादा होती है। उचित मार्गदर्शन के अभाव से ही सही तैयारी भी नहीं हो पाती और समय पर ऊर्जा दोनों ही बर्बादी होती है परीक्षा हेतु मार्गदर्शन के लिए उम्मीदवारों को अपने किसी सीनियर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही किसी कोचिंग संस्थान से संपर्क में रहना चाहिए।
     उम्मीदवारों को अध्ययन की शुरुआत कठिन किताबों के स्थान पर सरल किताबों से करनी चाहिए जैसे कि पढ़ाई की शुरुआत एनसीआरटी या एनआईओएस (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग) की किताबों से करनी चाहिए। अभीष्ट विषय से संबंधित आधारभूत विकसित करने के बाद संबंधित विषय की किताबों का अध्ययन करना चाहिए। यह रणनीति परीक्षा के लिए सहायक होगी।
        ग्रामीण पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को कभी भी स्वयं को किसी अन्य प्रतियोगी से कम करके नहीं आंकना चाहिए तथा हीन भावना से बचना चाहिए। अपनी आत्मविश्वास और गंभीर अध्ययन के बल पर ग्रामीण पृष्ठभूमि के उम्मीदवार भी इस परीक्षा में सफल हो सकते हैं।

मैं आपका गाइड श्रीराम कुमावत
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