upsc optional subject Agriculture syllabus in Hindi. वैकल्पिक विषय - कृषि।

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          वैकल्पिक विषय - कृषि(Agriculture)
                             प्रश्नपत्र -1

     पारिस्थितिको एवं मानव के लिये उसको प्रासंगिकता, प्राकृतिक संसाधन उनके अनुरक्षण का प्रबंध तथा संरक्षण सस्य वितरण एवं उत्पादन के कारकों के रूप में भौतिक एवं सामाजिक पर्यावरण कृषि पारिस्थितिकी पर्यावरण के संकेतक के रूप में सस्य क्रमः पर्यावरण प्रदूषण एवं फसलों को होने वाले इससे संबंधित खतरे पशु एवं मानव जलवायु परिवर्तन अंतर्राष्ट्रीय अभिसमयः एवं भूमंडलीय पहल ग्रीन हाउस प्रभाव एवं भूमंडलीय तापन पारितंत्र विश्लेषण के प्रगत उपकरण (Advance Tools). सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणालियाँ।
       देश के विभिन्न कृषि जलवायवीय क्षेत्रों (Agro-Climatic Zones) में सस्य क्रमः सस्य कम में विस्थापन पर अधिक पैदावार वाली तथा अल्पावधि किस्मों का प्रभावा विभिन्न सस्यन एवं कृषि प्रणालियों की संकल्पनाएँ। जैव एवं परिशुद्धता कृषि महत्त्वपूर्ण अनाज, दलहन, तिलहन, रेशा, शर्करा, वाणिज्यिक एवं चारा फसलों के उत्पादन हेतु पंकज रीतियाँ।
                विभिन्न प्रकार के वनरोपण जैसे कि सामाजिक वानिकी, कृषि वानिकी एवं प्राकृतिक वनों की मुख्य विशेषताएँ तथा विस्तार वन पादपों का प्रसार, वनोत्पाद, कृषि वानिकी एवं मूल्य परिवर्धन, वनों को वनस्पतियों एवं जीव-जंतुओं (Forest Flora and Fauna) का संरक्षण ।
       खरपतवार, उनकी विशेषताएँ, प्रकीर्णन तथा विभिन्न फसलों के साथ उनकी संबद्धता, उनका गुणन, खरपतवारों संबंधी, जैविक तथा रासायनिक नियंत्रण।
        मृदा भौतिक रासायनिक तथा जैविक गुणधर्मः मृदा रचना के प्रक्रम तथा कारका भारत की मृदाएँ। मुदाओं के खनिज तथा कार्बनिक संघटक तथा मृदा उत्पादकता अनुरक्षण में उनकी भूमिका। पौधों के लिये आवश्यक पोषक तत्त्व तथा मृदाओं और पादपों के अन्य लाभकर तत्त्व मृदा उर्वरता,मृदा परीक्षण एवं उर्वरक संस्तावना (Fertiliser Recommendations) के सिद्धांत, समाकलितःपोषकतत्व प्रबंध जैव उर्वरक, मृदा में नाइट्रोजन की हानि जलमग्न धानमृदा में इट्रोजन उपयोगक्षमता, मृदा में नाइट्रोजन यौगिकीकरण (Nitrogen Fixation)। फॉस्फोरस एवं पोटेशियम का दक्ष उपयोग। समस्याजनक मृदाएँ (Problem Soils) तथा उनका सुधार। ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को प्रभावित करने वाले मृदा कारक। मृदा संरक्षण, समाकलित जलविभाजन प्रबंधन मृदा अपरदन एवं इसका प्रबंधन। वर्षाधीन कृषि (Dry Land Agriculture) और इसकी समस्याएँ। वर्षा प्रोषित कृषि क्षेत्रों में कृषि उत्पादन में स्थिरता लाने की प्रौद्योगिकी।
        सस्य उत्पादन से संबंधित जल उपयोग क्षमता, सिचाई कार्यक्रम के मानदंड, सिंचाई जल की अपवाह हानि को कम करने की विधियों तथा साधन। ड्रिप तथा छिड़काव द्वारा सिंचाई जलाकात (Water logged) मृदाओं से जलनिकास, सिंचाई जल की गुणवत्ता, मृदा तथा जल प्रदूषण पर औद्योगिक बहिःस्रावों का प्रभाव। भारत में सिंचाई परियोजनाएँ।
         फार्म प्रबंधन, विस्तार (Scope), महत्त्व तथा विशेषताएँ, फार्म आयोजना संसाधनों का इष्टतम उपयोग तथा बजटन। विभिन्न प्रकार की कृषि प्रणालियों का अर्थशास्त्र विपणन प्रबंधन विकास को कार्यनीतियाँ, बाज़ार आसूचना। कीमत में उतार चढ़ाव एवं उनकी लागत: कृषि अर्थव्यवस्था में सहकारी संस्थाओं की भूमिकाः कृषि के प्रकार तथा प्रणालियाँ और उनको प्रभावित करने वाले कारक। कृषि कीमत नीति। फसल बीमा ।
        कृषि विस्तार, इसका महत्त्व और भूमिका, कृषि विस्तार कार्यक्रमों के मूल्यांकन की विधियाँ, सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण तथा छोटे-बड़े और सीमांत कृषकों व भूमिहीन कृषि श्रमिकों की स्थिति। विस्तार कार्यकर्त्ताओं (एक्सटेंशन वर्कर्स) के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रमा कृषि प्रौद्योगिकी के प्रसार में कृषि विज्ञान केंद्रों की भूमिका ग्रामीण विकास के लिये गैर सरकारी संगठन तथा स्व-सहायता उपागम ।

                          प्रश्नपत्र -2

          कोशिका संरचना प्रकार्य एवं कोशिका चक्रा आनुवंशिक उत्पादन (Genetic Material) का संश्लेषण, संरचना तथा प्रकार्य आनुवंशिकता के नियम गुणवत्ता संरचना, गुणसूत्र विपथन सहलग्नता एवं जीन-विनिमय तथा पुनयोजन प्रजनन में उनकी सार्थकता बहुगुणिता सुगुणित तथा असुगुणिता उत्परिवर्तन एवं सस्य सुधार में उनकी भूमिका वंशागतित्व, बंध्यता तथा असंयोज्यता, वर्गीकरण तथा सस्य सुधार में उनका अनुप्रयोग। कोशिका द्रव्यी वंशागति, लिंग सहलग्न, लिंग प्रभावित तथा लिंग सीमित लक्षण|
        पादप प्रजनन का इतिहास जनन की विधियाँ स्वनिषेचन तथा संकरण प्रविधियाँ। सस्य पादपों का उद्भव (Origin). विकास एवं उपजाया जाना (Domestication), उद्भव केंद्र, समजात श्रेणी का नियम सम्य आनुवंशिक संसाधन-संरक्षण तथा उपयोग। सस्य पादपों का सुधार आणविक सूचक एवं पादप सुधार में उनका अनुप्रयोग। शुद्ध वंशक्रम वरण, वंशावली, समूह तथा पुनरावर्ती तर संयोजी क्षमता, पादप प्रजनन में इसका महत्त्व। संकर ओज एवं उसका उपयोग काय संकरण; रोग एवं पीड़त प्रतिरोध के लिये प्रजनन अंतराप्रजातीय तथा अंतरावंशीय संकरण की भूमिका। सस्य सुधार में आनुवंशिक इंजीनियरी एवं जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका आनुवंशिकतः रूपांतरित सस्य पादप ।
          बीज उत्पादन एवं प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों। बीज प्रमाणन, बीज परीक्षण एवं भंडारण, डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एवं पंजीकरण । बीज उत्पादन एवं विपणन में सरकारी एवं निजी स्रोतों की भूमिका । बौद्धिक संपदा अधिकार संबंधी मामले WTO के मुद्दे और कृषि पर इसका प्रभाव।
    पादप पोषण, पोषक तत्त्वों के अवशोषण, स्थानांतरण एवं उपापचय के संदर्भ में पादप कार्यिकी के सिद्धांत: मृदा-जल-पादप संबंध ।
       प्रकिण्व (Enzymes) एवं पादप- वर्णक, प्रकाश संश्लेषण-आधुनिक संकल्पनाएँ और इसके प्रक्रम को प्रभावित करने वाले कारक, आक्सी व अनाक्सो श्वसन: C3. C4 एवं CAM क्रियाविधियाँ। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा उपापचय वृद्धि एवं परिवर्धन: दीप्तिकालिता एवं वसतीकरण। पादप वृद्धि उपादान एवं सस्य उत्पादन में इनकी भूमिका । बोज परिवर्धन एवं अनुकरण की कार्यिकी प्रसुप्ति, प्रतिबल कार्यिकी वातप्रवाह, लवण एवं जल प्रतिबल।
     प्रमुख फल, बागानी फसल, सब्जियाँ, मसाले एवं पुष्पी फसल । प्रमुख बागवानी फसलों की पैकेज रीतियाँ। संरक्षित कृषि एवं उच्च तकनीकी बागवानी तुड़ाई के बाद की प्रौद्योगिकी (Post- harvest Technology) एवं फलों व सब्जियों का मूल्यवर्धन। भूसुदर्शनीकरण (Landscaping) एवं वाणिज्यिक पुष्पकृषि। औषधीय एवं एरोमैटिक पौधे मानव पोषण में फलों व सब्जियों को भूमिका ।
      पीड़कों एवं फसलों, सब्जियों, फलोद्यानों एवं बागानी फसलों (Plantation Crops) के रोगों का निदान एवं उनका आर्थिक महत्त्व। पीड़कों एवं रोगों का वर्गीकरण एवं उनका प्रबंधन पौड़कों एवं रोगों का जैव वैज्ञानिक रोकथाम। जानपदिक रोग विज्ञान (Epidemiology) एवं प्रमुख फसलों के पीड़कों व रोगों का पूर्वानुमान। पादप संगरोध उपाय। पीड़क नाशक, उनका सूत्रण एवं मोइस ऑफ एक्शन।
      भारत में खाद्य उत्पादन एवं उपभोग की प्रवृत्तियाँ। खाद्य सुरक्षा एवं जनसंख्या वृद्धि दृष्टिकोण 20201 अन्न अधिशेष के कारण। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीतियाँ। अधिप्राप्ति वितरण की बाध्यताएँ । खाद्य पर प्रतिव्यक्ति व्यय। गरीबी की प्रवृत्तियाँ, जन वितरण प्रणाली तथा गरीबी रेखा के नीचे की जनसंख्या लक्ष्योन्मुखी जन वितरण प्रणाली (PDS), भूमंडलीकरण के संदर्भ में नीति कार्यान्वयन प्रक्रम बाध्यताएँ । खाद्य उत्पादन का राष्ट्रीय आहार दिशा-निर्देशों एवं खाद्य उपभोगः प्रवृत्ति से संबंध क्षुधाशमन के लिये खाद्याधारित आहार उपागमा पोषक तत्त्वों की न्यूनता (Deficiency)-सूक्ष्म पोषक तत्त्व न्यूनता : प्रोटीन ऊर्जा कुपोषण या प्रोटीन कैलोरी कुपोषण (PEM या PCM), महिलाओं और बच्चों की कार्यक्षमता के संदर्भ में सूक्ष्म पोषक तत्त्व न्यूनता एवं मानव संसाधन विकास खाद्यान्न उत्पादकता एवं खाद्य सुरक्षा।

😘 आपका गाइड 🖊️🖊️श्रीराम कुमावत 🎉
😘😘😘😘😘 धन्यवाद 🙏🖊️🥰🖊️

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