IAS परीक्षा : कुछ उपयोगी सुझाव। आईएएस बनने के लिए क्या करना जरूरी है। कुछ जरूरी टिप्स।

IAS परीक्षा : कुछ उपयोगी सुझाव। आईएएस बनने के लिए क्या करना जरूरी है। कुछ जरूरी टिप्स।
          IAS परीक्षा : कुछ उपयोगी सुझाव।

     शरीर की तरह आपके दिमाग को भी बेहतर काम करने के लिए व्यवस्थित रहना जरूरी है। इसके लिए कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं। इनसे न सिर्फ आपका दिमाग तेज गति से काम करने लगेगा, बल्कि परीक्षा के लिए किसी भी पाठ को याद रखना आसान हो जाएगा।
     आप दिमागी कसरत करने के लिए अपने आपको तैयार करें। दिमागी कसरत शारीरिक कसरत से भिन्न होती है। हमारे देश में शतरंज ईजाद किया गया तो इसीलिए कि यह दिमाग की सबसे कठिन और जोरदार कसरत है। खैर, शतरंज तो सभी नहीं खेलते हैं, लेकिन क्रॉसवर्ड पजल्स या कंप्यूटर पर दिए गए गेम सालिटायर को तो लगभग सभी पसंद करते हैं। आप इनसे शुरुआत कर सकते हैं। आप यदि यह भी नहीं करना चाहते हैं तो आसान तरीका है। साधारण स्तर के गुणा-भाग या जोड़-घटाव करना।
      हफ्ते में एक बार कोई कविता या जोक याद करने की कोशिश करें। इससे आपका दिमाग शेप में रहेगा और इसकी ताकत भी बँधेगी। हमेशा कुछ नया करने की सोच रखिए। नए-नए विचारों को सामने आने दें। इसके लिए एक बच्चे की तरह सोचना ही काफी है। बच्चे सकारात्मक ऊर्जा, विस्मित भाव और उत्सुकता से सोचते हैं।
        अपने आपको दिवास्वप्न देखने दीजिए। इससे मस्तिष्क तीक्ष्ण होगा और उसकी ताकत भी बढ़ेगी। अपने आपको केवल एक ही व्यक्ति न बनने दें। एक ही व्यक्ति में बहुत सारे व्यक्तित्व पैदा कीजिए। जितने अधिक हो सकें, उतने तरीकों से सोचिए ।

परीक्षा का भय त्याग दें
       कई विद्यार्थियों को परीक्षा के बारे में सोचकर ही बेचैनी महसूस होने लगती है। मन में कई विचार घूमने लगते हैं, 'क्या मैं सभी प्रश्नों का उत्तर दे ऊँ? थोड़ा और पढ़ लेता तो अच्छा होता' आदि। ये विचार लगभग हर विद्यार्थी को परेशान करते हैं। थोड़ा-बहुत दबाव बेहतर प्रदर्शन के लिए मददगार होता है। इससे शरीर में एड्रिनलिन हारमोन स्रावित होता है, जो व्यक्ति को सचेत और केंद्रित बनाए रखता है। 
      हलका तनाव या दवाव होना स्वाभाविक है, लेकिन ज्यादा घबराहट परेशानी का सबब बन जाती है। यह व्यक्ति के चारों और एक नकारात्मक घेरा बना देती है और फिर वह एकाग्र होकर सोच-समझ नहीं पाता। इसका बुरा प्रभाव प्रदर्शन पर पड़ता है, क्योंकि विद्यार्थी न तो प्रश्नों पर अपना ध्यान केंद्रित कर पाता है और न सटीक उत्तर ही दे पाता है। ऐसे कई उपाय हैं, जिनसे परीक्षा का भय दूर किया जा सकता है, ताकि विद्यार्थी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।

 परीक्षा से पहले
      अपना कोर्स समय रहते पढ़ लें और उसका दोहराव भी कम-से-कम एक दिन पहले ही पूरा कर लें। ऐन वक्त तक पढ़ते रहने से तनाव बढ़ता है। चित स्थिर रखने और मन शांत करने के अलग-अलग तरीके हो सकते हैं। किसी को संगीत सुनने पर सुकून मिलता है तो किसी को व्यायाम करने से या फिर कुनकुने पानी से स्नान करना भी अच्छा तरीका हो सकता है।
         परीक्षा के दिन और उससे एक दिन पहले इस तरह के उपाय बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। जो कुछ भी आपने पढ़ा है, उसे याद रखने में ये सहायक होते हैं और आत्मविश्वास बढ़ता है। परीक्षा केंद्र का रास्ता पता न होना भी घबराहट का कारण बन सकता है। इस बारे में पहले ही जानकारी जुटा लें और संभव हो तो एक बार खुद वहाँ जाकर देखें। इससे ऐन वक्त की हडबड़ी से बच जाएँगे। परीक्षा के नियमों को ध्यान से पढ़ लें। परीक्षा से पहले की रात नींद पूरी करें।

परीक्षा के दौरान
       "मुझे कुछ नहीं आता। पढ़ाई नहीं की हो तो यह खयाल परेशान कर सकता है, लेकिन अच्छे से पढ़ने पर भी ऐसे विचार उत्पन्न होना घबराहट के संकेत हैं। तनाव के कारण विद्यार्थी ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। कई तो प्रत भी ठीक से नहीं पढ़ पाते हैं। इससे बचने के लिए ये उपाय कर सकते हैं-
★ परीक्षा कक्ष में सही समय पर पहुँचें।
> कक्ष में पहुँचकर लंबी गहरी साँसें लें और छोड़ें। घबराहट में अकसर लोग ठीक से साँस नहीं लेते हैं। गहरी साँस लेते हुए अपनी पीठ एकदम सीधी कर लें।
> आपके सामने रखो किसी स्थिर व निर्जीव वस्तु (दीवार व तसकोर आदि) की ओर देखकर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें।
> मन में कोई सकारात्मक बात दोहराएं, जैसे- मैं यह परीक्षा पास करनेवाला हूँ। 1-2 मिनट तक यही दोहराते रहें और फिर सामान्य रूप से साँस लें। शांति अनुभव करेंगे।
> प्रश्नों को ध्यान से पढ़ें। यदि परीक्षा के बीच फिर से घबराहट होने लगे तो फिर से एकाग्रता के उपाय दोहराएँ।
> प्रश्नपत्र हल करने की रणनीति तय कर लें। कौन से प्रश्न पहले हल करेंगे आदि और बिना समय बरबाद किए उत्तर लिखने शुरू कर दें।

याददाश्त बढ़ाने के उपाय
       किसी भी बात को याद रखने के लिए दिमाग उस बात का अर्थ मूल्य और औचित्य के आधार पर तय करता है। दिमाग की प्राथमिकता भी इसी क्रम में काम करती है। याद रखने की सबसे पहली सोढ़ी है- अर्थ जानना, अतः किसी भी बात को याद रखने के लिए उसका अर्थ जरूर समझिए।
    यदि अर्थ ही समझ में नहीं आया है तो रटने का कोई मतलब नहीं है। इसलिए जिस बात या पाठ को याद रखना है, पहले उसका अर्थ समझिए, फिर उसका महत्त्व और मूल्य समझिए, इसके बाद आपके जीवन में उस बात का क्या औचित्य है, यह जानिए।

ध्यान रखें
     * जनता की किसी भी शिकायत को अनदेखा न किया जाए, यह आपके उत्तरों में झलकना चाहिए। आप जनता के लिए काम करेंगे, इस बात का हमेशा खयाल रखें।
• दबाव में कोई निर्णय नहीं लें। सबको सुनें पर निर्णय वही लें, जो आपको अपने दिल से सही लगता है। अपने निर्णय की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और अप्रत्याशितता को बरकरार रखें।
* यू.पी.एस.सी. की परीक्षा की तैयारी में कष्ट है। इस कष्ट से बचने के लिए सम्यक् तरीके से सफलता-विफलता के सुख दुःख से परे होकर निरपेक्ष भाव से इस परीक्षा की तैयारी करें।
* रीविजन यानी पढ़े हुए का बार-बार दुहराव काफी महत्त्वपूर्ण है। प्रारंभिक परीक्षा में समझ के साथ-साथ आपकी याददाश्त की भी परीक्षा होती है। बहुत सारे तथ्यात्मक प्रश्नों में आपकी स्मरण शक्ति ही साथ देगी, इसलिए अपने बनाए हुए शॉर्ट नोट्स, सामान्य अध्ययन की पत्रिकाओं के पिछले साल डेढ़ साल के अंक, 'प्रतियोगिता दर्पण' की अर्थशास्त्र एवं समसामयिकी वार्षिकी, प्रकाशन विभाग की भारत वार्षिकी का त्वरित दोहराव करें।
* दोहराव में इस बात का ध्यान रखें कि आप अपनी मेमोरी की परीक्षा ले रहे हैं, अतः पाठ या चैप्टर को शब्दशः पढ़ना जरूरी नहीं है। किसी भी विषय को देखकर उसके मुख्य तथ्यों को रिकॉल करें। यदि आप उसके मुख्य तथ्यों को रिकॉल कर पा रहे हैं तो उस विषय की सरसरी निगाह से देखते हुए आगे बढ़ चलें। यदि सारे तथ्य नहीं याद आ रहे हो या आपको कन्फ्यूजन हो रहा हो तो फिर उस विषय को थोड़ी गहराई से पढ़कर सारी शंकाओं को दूर करें और फिर आगे बढ़ें।
• सामान्य अध्ययन और सीसेट के उन भागों पर ज्यादा ध्यान दें, जिनमेंआप अपने को मुश्किल में महसूस कर रहे हैं।
*  इतिहास, प्रशासन एवं संविधान, समसामयिकी, भारतीय अर्थव्यवस्था जैसे तथ्य-बहुल अंगों का दोहराव ज्यादा काम आएगा। सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र को प्रकृति को देखते हुए विषय पर गहरी पकड़ जरूरी है।सतही ज्ञान से काम नहीं चलने वाला है। 
* परीक्षा की पूर्व संध्या से अपने मन को शांत रखें, रात में अच्छी नींद लें और अगली सुबह अपने आपको सकारात्मक और सफलता- प्राप्ति के विचारों से भरते हुए परीक्षा के लिए जाएँ।
* परीक्षा के लिए आवश्यक सभी सामग्री (एडमिट कार्ड, बॉलपेन, घड़ी) के साथ समय से परीक्षा भवन पहुँचें। परीक्षा भवन में समय से लगभग एक घंटा पूर्व पहुंचने से निश्चिंत रहेंगे।
* परीक्षा स्थल पर अपने साथियों से अनावश्यक बात करने में मशगूल न हों। हो सकता है कि किसी की निराशा भरी बात आपको भी संशयग्रस्त कर जाए। अपने में मगन रहें।
• अगर परीक्षा केंद्र पर बिना टेंशन के पढ़ सकें और काफी समय रहते आप वहाँ पहुँचे हैं तो कोई एकांत कोना तलाशकर अपने शॉर्ट नोट्स को सरसरी नजर से देखें या फिर किसी भी स्तरीय समसामयिकी वार्षिकी को एक नजर देखें इसका उद्देश्य बस समय बिना टेंशन के बिताना है। अगर आपको टेंशन हो रही हो तो शांत कोने में आराम से बैठकर लंबी- गहरी साँसें लेते हुए मन को समझाएँ कि आप परीक्षा में काफी अच्छा परफॉर्म करेंगे।
* मौसम को ध्यान में रखते हुए पानी की बोतल अपने पास रखें। मन हो तो उसमें ग्लूकोज मिला लें। कई बार एग्जाम हॉल में टेंशन की वजह से गला सूखता महसूस होता है और समय की तंगी की वजह से आप अपनी जगह से उठकर अपना समय बरबाद करना नहीं चाहेंगे। अतः बेहतर है कि पानी की बोतल अपने पास रखें।
* नेगेटिव मार्किंग को ध्यान में रखते हुए जिन प्रश्नों के बारे में थोड़ा भी पता न हो, उन्हें छोड़ देना ही बेहतर है। हाँ, अगर आप चार विकल्पों में से दो या एक विकल्प के सही उत्तर न होने के बारे में श्योर हों तो फिर इंटेलीजेंट गेस कर सकते हैं।
* सीसेट के निर्णय क्षमतावाले प्रश्न में नेगेटिव मार्किंग नहीं है। अतः उस खंड के सारे प्रश्न हल करें।
• यू.पी.एस.सी. द्वारा अंग्रेजी में सेट प्रश्नों के मशीनी हिंदी अनुवाद की समस्या को देखते हुए यदि किसी भी प्रश्न को समझने में दुविधा हो तो उसके अंग्रेजी प्रश्न को देखना व्यावहारिक होगा।
*  प्राथमिक परीक्षा के प्रश्नपत्र- 1 (सामान्य अध्ययन) में प्रश्नों की प्रकृति का ध्यान से अध्ययन करें। सामान्यतः अब हर प्रश्न के उत्तर में 3-4 कथन होते हैं और फिर उन कथनों में कौन-कौन से सही हैं, यह आपको उत्तर में बताना होता है। इसलिए इन प्रश्नों को ध्यान से पढ़कर क्या पूछा गया है, इसके बारे में आश्वस्त होकर फिर ध्यान से विकल्पों को देखें और सही विकल्प चुनें।
• प्रश्नपत्र-2 में परिच्छेद पर आधारित प्रश्नों में आपके उत्तर सिर्फ परिच्छेद पर आधारित होने चाहिए। इन प्रश्नों की बहुसंख्या को देखते हुए इनमें अच्छा प्रदर्शन आपकी सफलता सुनिश्चित कर सकता है।
• कथन, आँकड़ों या चित्र के आधार पर निष्कर्ष निकालनेवाले प्रश्न आपकी विश्लेषण क्षमता का टेस्ट होता है। इन प्रश्नों की संख्या भीअच्छी-खासी है। इन्हें समय देते हुए आराम से हल करें।
 * गणितीय योग्यता एवं मानसिक योग्यता परीक्षण के प्रश्न काफी सावधानी और समझ-बूझ के साथ बनाएँ।
* अंग्रेजी भाषा की योग्यता को जाँचनेवाले परिच्छेद पर आधारित 8 प्रश्नों में अंग्रेजी भाषा और व्याकरण का विशेष खयाल रखें।
* निर्णय क्षमतावाले प्रश्नों में ध्यान रखें कि आपके निर्णय भारतीय संविधान के अनुरूप हों, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन करते हों और जन-कल्याणकारी हों।

🇨🇮😘😘 आपका गाइड
                            🖊️🖊️🖊️ श्रीराम कुमावत✅

🙏🙏🙏🙏🙏♥️ धन्यवाद ♥️🙏🙏🙏🙏🙏




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