IAS : प्रारंभिक परीक्षा रणनीति। IAS प्रारंभिक परीक्षा क्या है। इसको उत्तरीण करने के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?जाने!

IAS : प्रारंभिक परीक्षा रणनीति। IAS प्रारंभिक परीक्षा क्या है। इसको उत्तरीण करने के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?जाने!
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                 IAS  : प्रारंभिक परीक्षा
       यह त्रि-स्तरीय सिविल सेवा परीक्षा का पहला एवं सबसे महत्वपूर्ण चरण है। प्रत्येक वर्ष चार लाख से अधिक उम्र प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होते हैं. लेकिन इनमें से केवल 13-14 हजार ही मुख्य परीक्षा के लिए क्वालिफाई कर पाते हैं।
    प्रारंभिक परीक्षा को प्रकृति वस्तुनिष्ठ प्रकार की है, जिसमें दो प्रश्नपत्र होते हैं। प्रथम प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन का होता है, जिसमें इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, विज्ञान, सामयिक घटनाओं से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रत्येक प्रश्न के लिए दो अंक निर्धारित हैं। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए कुल अंक में से एक-तिहाई अंक काटे जाते हैं।
   द्वितीय प्रश्नपत्र तार्किक क्षमता एवं योग्यता का होता है। इस प्रश्नपत्र में प्रश्न संख्या 75 से 80 को छोड़कर सभी प्रश्नों के लिए नकारात्मक अंक को व्यवस्था है। यहाँ उल्लेखनीय है कि जो उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा में सफल होते हैं, उनके अंक मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाते ।

परीक्षा की तैयारी
    देश की सर्वोच्य परीक्षाओं में से एक 'सिविल सेवा परीक्षा' को लेकर कौतूहल की स्थिति उम्मीदवारों में हमेशा बनी रहती है। वर्तमान में युवा पीढ़ी अपने रोजगार और कैरियर के लिए काफी आशंकित है। आज समाज का हर चाहता है कि उसे अच्छी से अच्छी नौकरी मिल जाए, ताकि वह अपना जीवन सपरिवार प्रसन्नतापूर्वक व्यतीत कर सके। इसलिए आज का युवा सिविल सेवा के क्षेत्र में कॅरियर बनाने हेतु जी-जान से जुटा हुआ है।
          ब्रिटिश काल से संबंधित आई.सी.एस. सेवाओं में जो आकर्षण ब्रिटिश काल में था, उसमें आज भी कोई कमी नहीं आई है। भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ सिविल सेवा है। देश में नीतियों का निर्माण और उनके कार्यान्वयन की बागडोर मुख्यतः सिविल सेवकों के हाथों में होती है। यहीं कारण है कि भारत जैसे विकासशील देश में सिविल सेवकों का महत्त्व एवं सामाजिक पहचान विशेष तौर पर बढ़ गई है।

कदम-दर-कदम तैयारी
             भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी IAS के लिए होनेवाली परीक्षा की तैयारी में हर वर्ष हजारों युवा जुटते हैं, लेकिन उनमें से कुछ सौ ही यह लक्ष्य प्राप्त कर पाते हैं। हालाँकि IAS की तैयारी बहुत कठिन है, लेकिन इसकी विधिवत् तैयारी के बाद इसमें सफलता की उम्मीद बढ़ जाती है।
       इस बड़े पद को हासिल करने के लिए हर साल लाखों युवा कड़ी मेहनत से गुजरते हैं। किसी को इस परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा में सफलता मिलती हैं तो किसी को मुख्य परीक्षा में; लेकिन तीसरे चरण यानी साक्षात्कार तक आते- आते बहुत सारे उम्मीदवारों को मायूसी ही हाथ लगती है।
     करीब चार लाख उम्मीदवारों में से 15-20 हजार उम्मीदवार ही पहला चरण पार करने में सफल होते हैं। इसके बाद मुख्य परीक्षा की बारी आती है। इसमें ज्यादातर उम्मीदवार दौड़ से बाहर हो जाते हैं। आखिरी चरण साक्षात्कार में पदों की संख्या से तीन गुना ज्यादा उम्मीदवार बुलाए जाते हैं। अगर एक हजार पदों के लिए आवेदन मँगाए गए हैं तो मुख्य परीक्षा के बाद करीब तीन हजार उम्मीदवार साक्षात्कार में बुलाए जाते हैं। फाइनल में गिने-चुने लोगों को ही कामयाबी हासिल होती है। इंडियन फॉरेन सर्विस, IAS, आई.पी.एस. में बहुत कम उम्मीदवारों को ही आने का मौका मिलता है। अन्य उम्मीदवार आई. आर. एस. यानी इंडियन रेवेन्यू सर्विस या एलायड सर्विस में जाते हैं।
        परीक्षा में सवालों के पैटर्न में यह सोचकर बदलाव लाया गया था कि कोचिंग के जाल से उम्मीदवारों को मुक्ति मिलेगी; लेकिन एक वर्ष में ही कोचिंग संस्थान फिर हावी हो गए। अब सीसेट की तैयारी भी कोचिंग संस्थान कराने लगे हैं। विशेषज्ञ कहते हैं, 'मौजूदा पैटर्न में कलक्टरी की तैयारी कीजिए तो इंस्पेक्टरी की भी हो जाएगी, यानी परीक्षा का पैटर्न ऐसा हो गया है कि इससे बैंकिंग सेवा और कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में भी बहुत मदद मिलती है। इसके लिए अलग से तैयारी की जरूरत नहीं रह जाती।

पिरामिड बनाकर तैयारी
      किसी भी परीक्षा क़ी तैयारी हो, हमें एक पिरामिड बनाकर ही करनी चाहिए। वैसे शुरुआती दौर में हमें तैयारी पाठ्यक्रम कवरेज से ही करनी चाहिए। किंतु परीक्षा का समय जैसे-जैसे निकट आता है वैसे-वैसे पिरामिड के शीर्ष तक पहुँचने तक उसकी भलीभाँति तैयारी करनी चाहिए और तैयारी भी पाठ्यक्रम के कोर एरिया पर निर्भर करती है।

रणनीति बनाना जरूरी
          किसी भी परीक्षा के लिए रणनीति भी जरूरी है। जो सफल उम्मीदवार हैं, उनका मानना है कि हमें अपनी योग्यता के अनुसार ही तैयारी करनी चाहिए। योजना बनाते समय आपको यह देखना जरूरी है कि आप कितने दिनों में तैयारी • कर सकते हैं। सिविल सेवा की परीक्षा में कुछ वैकल्पिक विषयों में काफी गैप- भी मिल जाते हैं। यदि आपकी परीक्षा में गैप है तो आप वैकल्पिक विषयों को तैयारी के लिए बीच का समय भी रिजर्व कर सकते हैं। इस बचे हुए समय के लिए आप समय का सदुपयोग कर सकते हैं और फिर तैयारी में जुट जाइए। यदि आप समय का सही उपयोग कर लेंगे तो सफल होने में किसी भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। ठीक से तैयारी करेंगे तो आप जल्द ही सफल होंगे। जिन विषयों में मेरिट की सूची निर्धारित हो तो आप उन विषयों का आधार लेकर तैयारी कर सकते हैं; 
किंतु जो विषय आप क्वालीफाई कर सकते हैं, उन्हें आप नजरअंदाज मत करिए।

हर पल है महत्त्वपूर्ण
        इस परीक्षा में सफल उम्मीदवार का मानना है कि मुख्य परीक्षा में आप प्रभावी प्रदर्शन तभी कर पाएँगे, जब बचे हुए समय का सही सदुपयोग करेंगे। इस समय नए टॉपिक्स पढ़ने से बचें और जो अभी तक पढ़े हैं, उसका खूब रीविजन करें। रीविजन ही सफलता की कुंजी है। इसके अलावा, आप सबसे पहले इस परीक्षा में पूछे जानेवाले विषयों की एक सूची बना लें और अपनी तैयारी की योजना इसी के अनुरूप करें। अगर आपको लगता है कि आपके जी.एस. पेपर में कुछ कमी रह गई है, जिसे दो दिनों में कंप्लीट किया जा सकता है तो आपके लिए बेहतर होगा कि आप सबसे पहले जी.एस. पेपर की तैयारी में जुट जाएँ। उसके बाद ही अन्य पेपर पर ध्यान दें। इस तरह की योजना आपको खुद बनानी होगी और खुद उस पर अमल भी करना होगा। अगर आप इस तरह की योजना हर विषय के साथ बनाते हैं तो आप अपने बचे हुए समय का सही सदुपयोग करने में सफल हो सकते हैं।

गैप को ध्यान में रखकर तैयारी
        सफल लोग कोई अलग काम नहीं करते हैं, बल्कि हर काम अलग ढंग से करते हैं। अगर आपको मुख्य परीक्षा में बेहतर स्कोर करना है तो आपको भीड़ से अलग होने के लिए कुछ अलग सोचना होगा। आप सबसे पहले यह देखें कि आपका वैकल्पिक विषय कब है। अकसर देखा जाता है कि दो वैकल्पिक विषयों के बीच काफी दिनों का गैप होता है। अगर आपके साथ भी इस तरह की स्थिति है तो बेहतर होगा कि आप अपने विषयों की तैयारी इस बचे हुए समय के लिए रख दें और इस बचे हुए समय का सदुपयोग अन्य कमजोर विषयों के रीविजन से करें। इससे आपको अन्य विषयों की तैयारी के लिए कुछ अतिरिक्त समय मिल जाएगा।

अनिवार्य विषय पर ध्यान
        IAS की तैयारी करनेवाले अधिकांश उम्मीदवार जनरल इंग्लिश और सामान्य हिंदी की तैयारी के प्रति गंभीर नहीं होते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि बाद
में उन्हें अनेक तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और समयाभाव के कारण अंतिम समय में अपनी रणनीति और भाग्य को कोसते हैं। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सभी विषयों का समान महत्त्व होता है। आप किसी भी विषय को छोड़कर आगे नहीं बढ़ सकते हैं। यदि आप इसमें क्वालीफाइंग मार्क्स लाने में सफल होंगे, तभी अन्य विषयों का मूल्यांकन किया जाएगा। इस कारण इसे हलके में लेने की भूल कभी न करें। आपके लिए सबसे बेहतर रास्ता यह है कि क्वालीफाइंग नेचर के जनरल इंग्लिश और सामान्य हिंदी के प्रति कतई लापरवाही न बरतें और इसकी भी तैयारी अच्छी तरह से करें।

निबंध लेखन हेतु वैज्ञानिक सोच
         मुख्य परीक्षा में सफल कई टॉपर्स का मानना है कि कुछ उम्मीदवार यह सोचते हैं कि निबंध में थोड़ी तैयारी करके अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। इस तरह की बातें ठीक नहीं हैं। निबंध में आप बेहतर अंक तभी ला सकते हैं, जब आप वैज्ञानिक तरीके से इसकी तैयारी करते हैं।
         बेहतर और आदर्श स्थिति यह होगी कि पहले से ही एक क्षेत्र निर्धारित कर लें कि मुझे इन्हीं क्षेत्रों से संबंधित प्रश्नों के उत्तर लिखने हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप पहले से यह निर्धारित कर लेते हैं कि मुझे राजनीति से संबंधित क्षेत्रों पर ही निबंध लिखना है तो आपके लिए बेहतर स्थिति होगी और आप तैयारी को भी अंतिम रूप देने में सफल होंगे।
         इस परीक्षा में निबंध का एक अनिवार्य पेपर होता है, जिसमें तीन घंटे में किसी एक विषय पर निबंध लिखना होता है। इस समय में आप सूझ-बूझ साथ व्यवस्थित और तर्कपूर्ण ढंग से लिखें। 
         इस पेपर का मकसद आपकी सोच, भाषा-शैली और सहज अभिव्यक्ति क्षमता को परखना होता है। इसके लिए खूब अभ्यास करें। इसके अतिरिक्त, यदि आपके आसपास कोई ऐसा मित्र या परिचित है, जो इस परीक्षा में पहले। सफलता हासिल कर चुका है तो उससे सलाह लेकर तैयारी की रणनीति बन सकते हैं।
          आप अपने विषय से संबंधित टॉपिक्स भी पढ़ सकते हैं और महत्त्वपूर्ण टॉपिक्स को नोट भी कर सकते हैं। यह उपयोगी होता है।
             IAS परीक्षा की तैयारी में लगे उम्मीदवारों की एक आम समस्या होती है. कि वे पढ़ते तो खूब हैं, लेकिन लेखन अभ्यास में कमी के चलते निबंध जैसे प्रश्नपत्रों में खासी मुश्किलों का सामना करते हैं। लिहाजा, उन्हें सलाह है कि लगातार लिखने का अभ्यास करें। अपने विचारों के उतावलेपन को संतुलन की बाढ़ में बाँधने के लिए किया गया यह लेखन अभ्यास बहुत काम आएगा। इसके •अलावा, माना भी जाता है कि निबंध लेखन एक अनवरत प्रक्रिया है। इसमें आपकी शैली, भाषा पर पकड़, नजरिया, तथ्य और उनके स्रोत सभी की जाँच की जाती है। अतएव इन चीजों पर नियंत्रण के लिए अभ्यास करें।

अभ्यास जरूरी
          निबंध के पेपर का मकसद आपकी सोच, भाषा-शैली और सहज अभिव्यक्ति क्षमता को परखना होता है। इसके लिए खूब अभ्यास करें। इसके अतिरिक्त, यदि आपके आसपास कोई ऐसा मित्र या परिचित है, जो इस परीक्षा में पहले सफलता हासिल कर चुका है तो उससे मशविरा लेकर तैयारी की रणनीति बना सकते हैं।

लेखन क्षमता
           IAS परीक्षा की तैयारी में लगे उम्मीदवारों की एक आम समस्या होती है। कि वे पढ़ते तो खूब हैं, लेकिन लेखन अभ्यास में कमी के चलते निबंध जैसे प्रश्नपत्रों में खासी मुश्किलों का सामना करते हैं। लिहाजा उन्हें विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि लगातार लिखने का अभ्यास करें। अपने विचारों के उतावलेपन को संतुलन की बाढ़ में बाँधने के लिए किया गया यह लेखन अभ्यास बहुत काम आएगा। इसके अलावा, माना भी जाता है कि निबंध लेखन एक अनवरत प्रक्रिया है। इसमें आपकी शैली, भाषा पर पकड़, नजरिया, तथ्य व उनके स्रोत सभी की जाँच की जाती है। अतएव अभी से इन चीजों पर नियंत्रण के लिए अभ्यास शुरू कर दें।

सभी विषयों में कोर एरिया
          इस परीक्षा में सफल लोगों का यही मानना है कि आप इस परीक्षा में सफलता तभी प्राप्त कर सकते हैं, जब आप पाठ्यक्रम के अनुरूप पूरी तैयारी करेंगे। कम समय में पुख्ता तैयारी का सबसे अच्छा जरिया आपके बनाए नोट्स होते हैं। यह हम नहीं बल्कि विशेषज्ञ कहते हैं। किताबों के ढेर में उलझने के बजाय साल भर की मेहनत से तैयार किए गए नोट्स पर ध्यान दें।
        आप कितना ही अध्ययन क्यों न कर लें, लेकिन IAS जैसे विषद पाठ्यक्रम में अंतिम समय में कुछ-न-कुछ महत्त्वपूर्ण छूट ही जाता है। लिहाजा, अच्छा होगा कि आप तैयारी को अंतिम रूप देते समय कुछ बैकअप टाइम भी रखें। इस समय का उपयोग आप सरसरी तौर पर अब तक छूट रही चीजों पर निगाह डालने के लिए कर सकते हैं।

शब्द सीमा का ध्यान
             जो उत्तर जितने शब्दों में माँगे जा रहे हैं, उन्हें उतने ही शब्दों में टू द प्वॉइंट लिखने का अभ्यास करें। कुछ उम्मीदवार इसका पालन नहीं करते हैं। उनके साथ समस्या यह होती है कि अधिक उत्तर लिखने के क्रम में वे अन्य प्रश्नों को जानकर भी समयाभाव के कारण नहीं लिख पाते।

पिछले प्रश्नपत्रों का अध्ययन
                 चयनात्मक अध्ययन के लिए पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों के आधार पर अपने ऐच्छिक विषयों के प्रश्नों का अनुमान लगाएँ और उनके आदर्श उत्तर तैयार करें। परीक्षा में एक प्रश्न से जुड़े उप-प्रश्न भी होते हैं, इसलिए अनुमानित प्रश्नों के उत्तर तैयार करते समय इससे संबंधित सभी पहलुओं का भी ध्यान रखें।

लिखने में संतुलन
           याद रखिए, IAS परीक्षा में लिखे गए आपके हर शब्द से आपकी विचारधारा एवं व्यक्तित्व का पता चलता है। ऐसे में किसी खास नीति व पक्ष की और दिखाया गया झुकाव आपके लिए यहाँ घातक साबित हो सकता है। इसलिए उत्तर लिखने में संतुलित दृष्टि अपनाएँ और अपने लिखे हुए हर शब्द की कीमत पहचानें।

दोहराव जरूरी
            उम्मीदवारों को चाहिए कि वे अपनी रुचि के अनुकूल पकड़ बनाएँ और चयनित विषय का दोहराव करें। आपको निबंध का भी अभ्यास करना होगा। यदि निबंध में क्रमबद्धता, मौलिकता एवं विषय संबंधी समस्या आ रही है तो उस समय को देखते हुए दूर करें। सामान्य अध्ययन के प्रथम पत्र का पाठ्यक्रम पूरी तरह पारंपरिक होता है, इसलिए आप उसको ध्यान में रखते हुए जुट जाइए।

समय प्रबंधन
         सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में अपनी सफलता सुनिश्चित करनी है तो सभी प्रश्नपत्रों पर बराबर ध्यान दें। ऐसा न हो कि एक पेपर पर आप खूब मेहनत करें और दूसरे पर कम ध्यान दें। यदि आप सभी प्रश्नपत्रों में अधिकाधिक अंक हासिल करेंगे तो सिविल सेवा में आपका चयन काफी हद तक सुनिश्चित हो जाएगा। मुख्य परीक्षा के कुल अंकों में से यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसमें से कितने अंक बटोर पाते हैं। आप मुख्य परीक्षा में जितने ज्यादा अंक पाएँगे, उससे न केवल इस परीक्षा में आपकी सफलता पक्की होगी, बल्कि आप मेरिट लिस्ट में ऊपरी स्थान पाकर IAS, आई.पी.एस., आई.एफ.एस. या समकक्ष कैडर के अधिकारी बन सकेंगे।
            आपको तैयारी करते समय अपने समय का भी ध्यान रखना होगा। आप परीक्षा के अनुकूल सभी विषयों में सही समय दें। हर प्रश्न पर सामान्य समय देना बहुत जरूरी है। ऐसा न हो कि आप अपने पसंदीदा विषय को ही ध्यान में रखें। इसके अलावा, आपको यह भी ध्यान देना होगा कि आपको जो प्रश्न ज्यादा और अच्छे तरीके से आ रहे हों तो उन प्रश्नों को पहले और अच्छे तरीके से करें। आपको यह भी ध्यान देना होगा कि आप हर प्रश्न को 35 मिनट के हिसाब (वैकल्पिक प्रश्न) से उत्तर देंगे। सामान्य अध्ययन के पेपर में शुद्धता का ध्यान देना जरूरी है। आपको शुद्धता के साथ गति का भी ध्यान देना होगा। इसको देखते हुए आप प्रश्नों को हल करें। इस प्रकार से आप समय को ध्यान में रखते हुए प्रश्न हल करें।

😘😘😘आपका गाइड
             🖊️🖊️🖊️🖊️🖊️🖊️ श्रीराम कुमावत ♥️

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