Upsc mains syllabus Hindi 2023-24 यूपीएससी मेन्स सिलेबस हिंदी 2023?
यूपीएससी मेन्स सिलेबस हिंदी 2023
यूपीएससी मेन्स के सिलेबस को विषय के अनुसार बांटा गया है। इसमें भाषा, सामान्य ज्ञान के साथ वैकल्पिक विषय को भी शामिल किया गया है। यूपीएससी मेन्स सिलेबस हिंदी की सामान्य जानकारी नीचे तालिका के माध्यम से बताई गई है:
पेपर विषय अवधि अंक
पेपर A अनिवार्य भारतीय भाषा 3 घंटे 300 (योग्यता)
पेपर B अंग्रेजी 3 घंटे 300 (योग्यता)
पेपर I लेख 3 घंटे 250
पेपर II सामान्य अध्ययन I – भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व और समाज का इतिहास और भूगोल 3 घंटे 250
पेपर III सामान्य अध्ययन II – शासन, संविधान, कल्याण पहल, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध 3 घंटे 250
पेपर IV सामान्य अध्ययन III – प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, कृषि, जैव विविधता, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन 3 घंटे 250
पेपर V सामान्य अध्ययन IV – नैतिकता, सत्यनिष्ठा और योग्यता 3 घंटे 250
पेपर VI वैकल्पिक विषय – पेपर I 3 घंटे 250
पेपर VII वैकल्पिक विषय – पेपर II 3 घंटे 250
अनिवार्य योग्यता पेपर्स
यूपीएससी के नए पैटर्न के अनुसार सिविल सेवा परीक्षा के लिए 2 अनिवार्य योग्यता पेपर्स होते है। इस प्रश्न पत्र का उद्देश्य अंग्रेजी तथा संबंधित भारतीय भाषा में अपने विचारों को स्पष्ट तथा सही रूप में प्रकट करना तथा गंभीर तर्कपूर्ण गद्य को पढ़ने और समझने में उम्मीदवार की योग्यता की परीक्षा करना है। यूपीएससी मेन्स सिलेबस हिंदी में प्रश्न पत्रों का स्वरुप आमतौर पर निम्न प्रकार का होगा :
1.भारतीय भाषा
2.अँग्रेजी
भारतीय भाषा प्रश्न पत्रों का स्वरूप
भारतीय भाषा का पेपर सिर्फ क्वालीफाइंग होता है और यह पेपर हिंदी या इंग्लिश लैंग्वेज में लिया जाता है। भारतीय भाषा पेपर में अभ्यर्थी की समझने की योग्यता और पढ़ने की योग्यता का परिक्षण किया जाता है। ज्यादातर भारतीय भाषा में नीचे बताए हुए विषय पर ही प्रश्न पूछे जाते हैं।
100 अंकों के लिए एक निबंध प्रश्न – उम्मीदवारों को दिए गए कुछ विषयों में से एक का चयन करना है
कुल 60 अंकों के लिए रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन और संबंधित पांच-छह प्रश्न
60 अंकों के लिए प्रैसि(संक्षिप्त) राइटिंग – उत्तर पुस्तिका में एक अलग ग्रिड संरचना होगी जहां इसे लिखा जाना है
20 अंकों के लिए अंग्रेजी से चुनी हुई भाषा में अनुवाद
20 अंकों के लिए चुनी हुई भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद
कुल 40 अंकों के लिए व्याकरण और बुनियादी भाषा का उपयोग जैसे समानार्थक शब्द, वाक्य सुधार आदि।
नोट: भारतीय भाषा का पेपर सिर्फ क्वालीफाइंग होता है, भारतीय भाषा पेपर के मार्क्स मेरिट या रैंकिंग के लिए गिने नहीं जाते है। अंग्रेजी तथा भारतीय भाषाओं के प्रश्न पत्रों के उत्तर उम्मीदवारों को अंग्रेजी तथा संबंधित भारतीय भाषा में देने होंगे (अनुवाद को छोड़कर)। कुल मार्क्स(300) का 25% (75 अंक) लाना अनिवार्य है नहीं तो बाकी प्रश्न पात्रों को चेक नहीं किया जायेगा।
अँग्रेजी
अंग्रेजी का पेपर सिर्फ क्वालीफाइंग होता है। इस पेपर का मुख्य उद्देश यह है कि अभ्यर्थी दिए गए पैसेज को कितना समझते हैं और उसे कैसे एक्सप्रेस करते है, इसका आकलन करना।। ज्यादातर इंग्लिश पेपर में नीचे बताए हुए विषय पर ही प्रश्न पूछे जाते हैं।
100 अंकों के लिए एक निबंध प्रश्न – उम्मीदवारों को दिए गए कुछ विषयों में से एक का चयन करना है
कुल 60 अंकों के लिए रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन और संबंधित पांच-छह प्रश्न
60 अंकों के लिए प्रैसि(संक्षिप्त) – उत्तर पुस्तिका में एक अलग ग्रिड संरचना होगी जहां इसे लिखा जाना है
20 अंकों के लिए अंग्रेजी से चुनी हुई भाषा में अनुवाद
20 अंकों के लिए चुनी हुई भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद
कुल 40 अंकों के लिए व्याकरण और बुनियादी भाषा का उपयोग जैसे समानार्थक शब्द, वाक्य सुधार आदि
नोट: इंग्लिश पेपर सिर्फ क्वालीफाइंग नेचर का होता है, इंग्लिश पेपर के मार्क्स मेरिट या रैंकिंग के लिए गिने नहीं जाते है। कुल मार्क्स (300) का 25% (75) लाना अनिवार्य है नहीं तो बाकी प्रश्न पात्रों को चेक नहीं किया जायेगा।
सामान्य अध्ययन विषय
हम आपको निम्नलिखित तरीकों से देंगे यूपीएससी को क्रैक करने के लिए बारी-बारी से विषयोंं की सूची, जिससे आप आसानी से यूपीएससी निकाल लेंगे।
प्रश्न -पत्र (I) – निबंध पेपर
उम्मीदवार को विविध विषयों पर निबंध लिखना होगा। उनसे अपेक्षा की जाएगी कि वे निबंध के विषय पर ही केंद्रित रहें तथा अपने विचारों को सुनियोजित रूप से व्यक्त करें और संक्षेप में लिखें। प्रभावी और सटीक अभिव्यक्ति के लिए अंक प्रदान किए जाएंगे। ज्यादातर निबंध पेपर में नीचे बताए हुए विषय पर ही प्रश्न पूछे जाते हैं।
अर्थव्यवस्था / भारतीय और भारत विषय
भारतीय लोकतंत्र, समाज, संस्कृति, मानसिकता
अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे
उद्धरण आधारित / दार्शनिक
विज्ञान और तकनीक
प्रश्न-पत्र (II) – सामान्य अध्ययन-I
UPSC Mains Syllabus Hindi में भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज जैसे टॉपिक आते हैं।
भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला को शामिल किया गया है ।
18वीं सदी के मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, विषय।
स्वतंत्रता संग्राम – इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।
स्वतंत्रता के पश्चात देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।
विश्व के इतिहास में 18वीं सदी की घटनाएं, औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनः सीमांकन, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शनशास्त्र जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं , भारत की विविधता।
महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और उनके उपाय।
भारतीय समाज पर वैश्वीकरण का प्रभाव।
सामाजिक सशक्तिकरण, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्म-निरपेक्षता।
विश्व के भौतिक-भूगोल की मुख्य विशेषताएं।
विश्वभर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए ), विश्व के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिए जिम्मेदार कारक।
भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्वपूर्ण घटनाएं, भूगोलीय विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्वपूर्ण भूगोलीय विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणि-जगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।
प्रश्न-पत्र(III) – सामान्य अध्ययन-II
शासन व्यवस्था, संविधान शासन-प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध। भारतीय संविधान-ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व , संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियां, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और फाइनेंस का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियां।
विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, समस्या समाधान तंत्र तथा संस्थान।
भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना।
संसद और राज्य विधायिका – संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियां एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।
कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियां, कार्य और उत्तरदायित्व।
सांविधिक (Statutory), विनियामक (Regulatory) और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।
सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके डिज़ाइन तथा विषय।
विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, संस्थाओं एवं अन्य पक्षों की भूमिका।
केन्द्र और राज्यों द्वारा जनसंख्या के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का कार्य, अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए फाइनेंस, संस्था।
स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनो से संबन्धित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबन्धित विषय।
गरीबी और भूख से संबन्धित विषय।
शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और संभावनाएं।
नागरिक चार्टर: पारदर्शिता एवं जवाबदेही तथा अन्य उपाय।
लोकतन्त्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
भारत एवं इसके पड़ोसी-संबंध।
द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संम्बंधित अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
भारत के हितों, भारतीय परिदृश्य पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव ।
महत्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच – उनकी संरचना, अधिदेश।
प्रश्न-पत्र(IV) – सामान्य अध्ययन-III
UPSC Mains Syllabus Hindi में प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन आदि आते हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोजगार से संम्बंधित विषय।
समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।
सरकारी बजट।
मुख्य फसलें – देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न – सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली-कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबन्धित विषय और बाधाएं, किसानों की सहायता के लिए ई-प्रद्योगिकी।
प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबन्धित विषय; जन वितरण प्रणाली-उद्देश्य, कार्य, सीमाएं, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रोद्योगिकी मिशन; पशु-पालन संबंधी अर्थशास्त्र।
भारत मे खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
भारत मे भूमि सुधार।
उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औधोगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
बुनियादी ढांचा : ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, एयरपोर्ट, रेलवे आदि।
निवेश मॉडल।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
विज्ञान एवं प्रद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कम्प्युटर, रोबोटिक्स, नैनो-टेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी और बौद्धिक सम्पदा अधिकारों से संबन्धित विषयों के संबंध में जागरूकता।
संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
आपदा और आपदा प्रबंधन।
विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध।
आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्वों की भूमिका।
संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका , साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें , धन-शोधन और इसे रोकना।
सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन – संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध।
विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएं तथा उनके अधिदेश।
प्रश्न-पत्र (V) – सामान्य अध्ययन – IV
सामान्य अध्ययन पेपर – IV 2 सेक्शन में होते हैं, सेक्शन – A और सेक्शन – B । सामान्य अध्ययन पेपर – IV में कूल 15 प्रश्न होते हैं, उनमें से 8 प्रश्न सेक्शन – A में से होते हैं और 7 प्रश्न सेक्शन – B पर आधारित होते हैं। सेक्शन – B में केस स्टडी पर आधारित प्रश्न शामिल होते हैं और हर एक सेक्शन (सेक्शन – A और सेक्शन – B) 125 मार्क्स का होता है। इसमें जीएस- I, जीएस– II, जीएस- III की तरह इस पेपर में स्पेसिफिक वर्ड पैटर्न नहीं होता है, इस पेपर में हर एक प्रश्न के उत्तर के वर्ड्स कम या ज्यादा हो सकते है। इस प्रश
Nice sir 👍
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